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India

राम-मंदिर बनाने वाले 2000 मजदूरों को छुट्टी !

अब निर्माण कार्य समारोह के बाद शुरू होगा।

Last updated: जनवरी 20, 2024 5:52 अपराह्न
By Parikshit 2 वर्ष पहले
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4 Min Read
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अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए लगभग 8,000 वीआईपी मेहमानों के अयोध्या पहुंचने से पहले, मंदिर को भव्य उद्घाटन के लिए तैयार करने वाले 2,000 श्रमिकों को छुट्टी दे दी गई है। जो कारीगर महीनों से 12-12 घंटे की दो शिफ्टों में कड़ी मेहनत कर मंदिर को तैयार करने में जुटे थे, उन्हें ब्रेक लेने के लिए कह दिया गया। मंदिर निर्माण कार्य शुक्रवार शाम को रोक दिया गया। अब निर्माण कार्य समारोह के बाद शुरू होगा। निर्माण के लिए जिम्मेदार एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में लगभग 2000 कर्मचारी यहां लगे हुए हैं। 22 जनवरी तक काम रोक दिया गया है। प्रथम तल पर स्लैब बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। हालांकि हमने श्रमिकों से यहीं रुकने का अनुरोध किया, लेकिन कई लोग जल्दी से घर जाने के इच्छुक हैं। हमने उनसे जल्द ही काम फिर से शुरू करने के लिए कहा है। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले 45 वर्षीय प्रेम चंद शर्मा, जो पिछले 19 महीनों से अयोध्या में डेरा डाले हुए हैं। अपने पास स्मार्टफोन न होने का दुख जताते हुए वह कहते हैं, हमको 27 को बुलाया है। लेकिन 1 तारीख को सोचा है वापसी का। काम तो पहले भी किया है और मंदिर में भी किया है, लेकिन इतना बड़ा काम नहीं किया। इस काम ने हमें इतिहास का एक हिस्सा बना दिया है। शर्मा बताते हैं कि सभी कारीगर की लगभग एक जैसी दिनचर्या होती है। सुबह की शिफ्ट का काम नौ बजे शुरू होता है। कारीगर करीब पांच बजे उठ जाते हैं। वे अस्थायी क्वार्टरों में अपना नाश्ता खुद बनाते हैं या प्रिंस पुरी वाले के पास जाते हैं। पूरी वाले का ठेला परिसर के पास ही लगता है। सुबह की शिफ्ट वालों का लंच एक से दो बजे के बीच होता है। जिस दिन काम का जितना दबाव हो उसी को देखते हुए रात कारीगर 9 बजे से 12 बजे के बीच अपने क्वार्टर में लौटते हैं। शर्मा कहते हैं, नक्काशी करने वाले ज्यादातर दिन के दौरान काम करते हैं। पत्थर पर नक्काशी करना मूर्तिकार के काम के समान है। हमने मंदिर के खंभों और दीवारों पर देवी-देवताओं और भगवान इंद्र की नृत्य करती अप्सराओं की मूर्तियां उकेरी हैं। डिज़ाइन जितना जटिलता होता है काम उतना लंबा होता है। लगभग एक वर्ग फुट बलुआ पत्थर को तराशने में एक से दो दिन लगते हैं।

आठ महीनों से काम कर रहे

राजस्थान के धौलपुर से ताल्लुक रखने वाले 30 साल के युवा लव कुश बताते हैं कि वह पिछले आठ महीनों से मंदिर में काम कर रहे हैं, मैं उन कुछ लोगों में से हूं जिन्हें अपने परिवार के साथ 22 जनवरी के समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। मेरा भाई समारोह के लिए हमारे माता-पिता को राजस्थान से ला रहा है। गर्भगृह के अंदर रामलला के सिंहासन पर काम करते हुए अपनी तस्वीरें दिखाने के लिए अपना फोन निकालते हुए, वह कहते हैं, मंदिर में लगभग 50,000 वर्ग फुट पर मकराना संगमरमर का उपयोग किया गया है। इसमें ज्यादातर धौलपुर के लोग हैं जो संगमरमर का काम कर रहे हैं।” वह कहते हैं कि तस्वीरें उनके परिवार को गर्व की अनुभूति कराती हैं।

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TAGGED: Ayodhya, leave, Ram Mandir, ram mandir construction, thefourth, thefourthindia, workers
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