By using this site, you agree to the Privacy Policy
Accept
October 29, 2025
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Reading: क्यों मनाया जाता है दिवाली का त्योहार इतने धूम धाम से
Font ResizerAa
Search
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Follow US
h5l11dg8 diwali -
Religion

क्यों मनाया जाता है दिवाली का त्योहार इतने धूम धाम से

इस दिन माता लक्ष्मी भगवान विष्णु गणेश और कुबेर महाराज का पूजन किया जाता है।

Last updated: नवम्बर 11, 2023 8:38 अपराह्न
By Divya 2 वर्ष पहले
Share
5 Min Read
SHARE

हिंदू धर्म के सबसे बड़े त्योहार दीवाली का पर्व धनतेरस से शुरू हो जाता है। इसके बाद दिवाली आती है जो अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी भगवान विष्णु गणेश और कुबेर महाराज का पूजन किया जाता है। ज्योतिष आचार्य पंडित अनिल कुमार पांडे ने कहा कि दीवाली का त्योहार रात का त्यौहार है। भुवन विजय पंचांग के अनुसार 12 नवंबर को 1:44 से 13 नवंबर को 2:12 तक अमावस्या है। 12 नवंबर से अमावस्या शुरू हो रही है इसलिए 12 नवंबर की रात को ही दीवाली मनाई जाएगी।

क्यो मनाते है दिवाली का त्योहार

दीवाली भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में से सबसे शुभ त्योहारों माना जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार में धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश का सम्मान किया जाता है।इस दिन भगवान श्री राम राक्षस रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आये थे जिसकी खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाए थे। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक माने जाने वाले दिवाली पर्व को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों और मान्यताओं के आधार पर मनाया जाता है।

विदेशों में भी बडे़ धूम धाम से मनाई जाति है दिवाली

भारत के पूर्व में वाराणसी की दिवाली काफी प्रसिद्ध है।यहां पर दिवाली से ज्यादा रौनक देव दिवाली के दिन देखने को मिलती है, और इस दिन घाटों को कई हजार दीयो से सजाया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार इस दिन स्वर्गलोक से देवतागण पृथ्वी पर दिवाली मनाने के लिए आते हैं ।यहां कि देव दिवाली को देखने के लिए देश विदेशों से लोग पहुंचते हैं।

विदेशों में भी होती है दिवाली की रौनक

भारत हि नहीं बल्कि विदेशो में भी दिवाली का त्योहार बढे़ धूम धाम से मनाया जाता है ,जहां पर हिंदू धर्म से जुड़े लोग रहते हैं।श्रीलंका में तमिल लोग इस त्योहार को पुरे को विधि-विधाने से मनाते हैं। इसी प्रकार अमेरिका, लंदन, थाईलैंड, मलेशिया आदि में भी दिवाली के मौके पर खूब रोनक रहती है।यहां पर रहने वाले सभी लोग दिवाली का त्योहार पुरे पारंपरिक तरीके से मनाते हैं।

पांच दिनों तक मनाया जाता है यह त्योहार

दिवाली का त्योहार पुरे पांच दिनों तक मनाया जाता है ।जिसकी शुरुआत धनतेरस के त्योहार से होती है। जिसके बाद, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा और भाई दूज का त्योहार होता है। दिवाली एक ऐसा त्योहार है जहां लोग सरस्वती, लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से सफलता और धन की प्राप्ति होती है। लोगों ने शाम की पूजा के बाद रोशनी फैलाने के लिए मोमबत्तियां और दीये जलाए।

क्या महत्व है इन पाच दिनों के त्योहार है

10 तारिक से शुरू हुए इस त्योहार के पहले दिन कि शुरूआत धनतेरस से होती है। इस दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए यह एक शुभ दिन माना जाता है।

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी होती है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं।

दिवाली, यानि कि तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम अपने राज्य अयोध्या में वापस लौटे थे। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है।

दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था।

दिवाली का 5वां और अंतिम दिन भाई दूज है। यह भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाने का दिन है।इस बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की प्रार्थना करती हैं।

You Might Also Like

रमज़ान: एक आत्मिक यात्रा का महीना

कब और कहाँ होगा अगला कुंभमेला?

महाकुंभ का समापन: एक भव्य समागम की झलक!

महाशिवरात्रि: भगवान शिव की आराधना का पवित्र पर्व

महाकुंभ में आए कोई “शाही” बाबा…

TAGGED: diwali, diwali celebration, festival, festival of lights
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0

Follow US

Find US on Social Medias

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading

Popular News

मुंबई के 7 मंजिले बिल्डिंग में आग लगने से 6 की मौत व 40 लोग घायल।

2 वर्ष पहले

सिंगरौली में 25 हजार से अधिक लोगों को मिलेंगे भूखंड, 6 लाख से अधिक किसानों के खाते में आएंगी राशि 

Russia-Ukraine War: ढाई साल से चल रही जंग, पहली बार यूक्रेन ने पलटवार किया !

Doomsday clock आख़िर क्या है?

फॉक्सकॉन के हैदराबाद प्लांट में बनेंगे एयर पॉड्स

You Might Also Like

warm glow from numerous diwali diyas casts soft light celebrating festival lights -
Religion

क्या हैं दिवाली से जुड़े कम ज्ञात रोचक तथ्य?

12 महीना पहले
dhanteras.1 -
Religion

कौन हैं धन्वंतरि और धनतेरस पर क्‍यों करते हैं इनकी पूजा ?

1 वर्ष पहले
dussehera -
Religion

दशहरे का त्योहार, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक

1 वर्ष पहले
WhatsApp Image 2024 09 18 at 5.19.42 PM -
Religion

इंदौर में अनंत चतुर्दशी पर निकला झांकियों का काफिला, 100 साल पुरानी है परंपरा

1 वर्ष पहले
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Lifestyle
  • Science
  • Sports

Subscribe to our newsletter

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading
© The Fourth 2024. All Rights Reserved. By PixelDot Studios
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?