By using this site, you agree to the Privacy Policy
Accept
October 29, 2025
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Reading: कोई उडा़कर पर काट भी दे तो तुम बन जाना ‘डार्क हॉर्स’!
Font ResizerAa
Search
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Follow US
41dhag7TWVL. UX250 -
Books

कोई उडा़कर पर काट भी दे तो तुम बन जाना ‘डार्क हॉर्स’!

Last updated: अगस्त 3, 2024 1:10 अपराह्न
By Rajneesh 1 वर्ष पहले
Share
7 Min Read
SHARE

बुक : ‘डार्क हॉर्स’
लेखक : नीलोत्पल मृणाल
प्रकाशक: हिंद युग्म / वेस्टलैंड

‘लूज़र’! ये एक ऐसा शब्द है, जिसे हम मे से हर किसी ने उम्र के किसी ना किसी पड़ाव मे ज़रूर सुना होगा। बड़ी बात ये नहीं कि इस समय किसने हमें ताना मारने के लिये कहा हो, बल्कि बड़ी बात ये है कि उस ताने के बाद हमारी प्रतिक्रिया क्या थी? प्रतिक्रिया ताना मारने वाले व्यक्ती के प्रति नहीं बल्कि ताना सुनने वाले हमारे खुद के प्रति। क्या हम ‘लूज़र’ शब्द सुनते ही निराशा से भरकर खुद को लूज़र मान बैठे या फिर हम ‘लूज़र’ शब्द सुनते ही निराश तो हुए लेकिन हमने उस कमी पर काम किया और एक बेहतर व्यक्ती बन उभर कर वापस लौटे। आपको लूज़र बनाने की ताकत दुनिया वालों की जुबान पर नहीं बल्कि आप के हाथों मे है। तो खुद तय करें क्यूंकि क्या पता आप भेड़ों से भरी रेस के ‘डार्क हॉर्स’ साबित हो जाएं!

“डार्क हॉर्स” नीलोत्पल मृणाल द्वारा लिखा गया एक प्रभावशाली उपन्यास है, जो युवा मन की जिज्ञासा, संघर्ष और सफलता की कहानी बयां करता है। यह उपन्यास उन छात्रों पर केंद्रित है, जो आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए विभिन्न राज्यों से आते हैं। ये छात्र निम्न से मध्यम वर्गीय परिवारों से आते हैं और उनकी आँखों में बड़े सपने होते हैं। यह उसी संघर्ष की कहानी है। यह उपन्यास गांवों/कस्बों से निकलकर शहरी जीवन से निपटने की असामान्य नीरसता को दर्शाता है, खासकर दिल्ली के मुखर्जी नगर की पृष्ठभूमि में। कुछ ही समय पहले आई फिल्म ’12th फेल’ को देखकर मन मे जो भाव उमड़ते है इस उपन्यास को पढ़ते हुए भी कुछ कुछ उसी तरह की तस्वीरें हमारे दिमाग मे उभर कर आती हैं। इस उपन्यास की कहानी का नायक, यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा है, जो उसके और उसके जैसे अनगिनत छात्रों के संघर्ष, सपनों और महत्त्वाकांक्षाओं को दर्शाता है। पुस्तक में विभिन्न पात्रों के माध्यम से विभिन्न समाजिक मुद्दों और युवा पीढ़ी के जीवन की जटिलताओं को उजागर किया गया है। नीलोत्पल मृणाल का लेखन शैली सरल और आकर्षक है, जो पाठकों को शुरू से अंत तक बांधे रखती है। “डार्क हॉर्स” पढ़ते समय पाठक को ऐसा महसूस होता है मानो वे खुद कहानी के हिस्सेदार बन गए हों।

लेखक ने अपने यथार्थवादी दृष्टीकोण से इस कहानी के खाली पात्रों को भरा है वह अद्भुत है। पुस्तक का शीर्षक “डार्क हॉर्स” स्वयं में एक गहरे अर्थ को समेटे हुए है। इस शीर्षक का असल मतलब होता है किसी प्रतियोगिता में भाग लेने वाला ऐसा प्रतिभागी जिसके सफल होने की संभावना कम मानी जाती हो। कहानी मे भी कुछ ऐसे ही नायक को प्रस्तुत किया गया है। ये भी कहना शायद गलत नहीं होगा कि लेखक ने उपन्यास के लिये जो शीर्षक चुना, उसे उन्होंने लगभग पूरी तरह से उचित सिद्ध किया। ‘डार्क हॉर्स’ का मुख्य किरदार संतोष बिहार के भागलपुर से सिविल सर्विस की तैयारी के लिए दिल्ली आता है। दिल्ली संतोष जैसे उन छात्रों के लिए और भी चुनौतीपूर्ण होती है जो हिन्दी मीडियम से आते हैं। अन्य कोई व्यक्ति सीधा सीधा उनके मुंह पर कहता नहीं है, लेकिन संतोष जैसे हर छात्र को उपर से नीचे स्कैन कर रही निगाहों को पढ़ा जाये तो जवाब यही मिलेगा की उनको पहले ही ‘लूज़र’ मान लिया गया है। संतोष भी शुरुआत मे शायद खुद को यही मानता था। हालांकि कुछ लोग उसमे एक ‘अप्रत्याशित विजेता’ जरूर देखते थे, पर वो इस बात से पूर्णत अनजान था। ठीक उसी तरह जैसे रेस मे भागने वाले किसी भी घोड़े को ये नहीं पता होता होगा कि उस पर कौन बैट लगा रहा है? कितनी बैट लगा रहा है? कौन किसे पहले ही विजेता मानता है? और कौन मानता है कि कोई विशेष घोड़ा हमेशा हारता रहा है लेकिन वो शायद उस दिन जीत सकता है। मुकाबले मे घोड़ा सिर्फ अपना कर्म करता है। ठीक वैसे ही जैसा संतोष ने किया। वो रेस मे डंटा रहा और बन गया उस रेस का ‘डार्क हॉर्स’ ।हालांकि, मुख्य पात्र के बारे में मुझे जो एक समस्या लगी, वह यह थी कि एक डार्क हॉर्स बनने के उसके संघर्ष का वर्णन और भी ज्यादा हो सकता था। लेकिन अगर इसे एक उपन्यास के रूप में देखा जाए, न कि किसी आईएएस तैयारी के ब्लूप्रिंट रूप में, तो यह समस्या कम और व्यक्तिगत माँगों के पिटारे से निकाली गई एक पर्ची ज्यादा लगेगी। शायद कहानी का मुख्य किरदार मात्र वो ज़रिया है, जिसके द्वारा लेखक उस आशा – निराशा के पुल के बीच खड़े हर व्यक्ती की आँखों के सामने उड़ते बाज़ जैसी दुनिया को उकेरने का प्रयास किया है। न कि सिर्फ एक ऐसी कहानी गढ़ने की कोशिश जो सिर्फ उस परीक्षा मे सफल होने की चाभी देने जैसा हो। ऐसा मेरा विचार है!

“जिंदगी में आदमी को दौड़ने के लिए कई तरह की दौड़ लगानी पड़ती है, जरूरी नहीं है कि सभी एक ही रास्ते पर दौड़ें। जरूरत है कि कोई एक रास्ता चुन लो और उस ट्रैक पर डटे रहो। रुको नहीं…दौड़ते रहो। क्या पता तुम किस रेसिंग के डार्क हॉर्स साबित हो जाओ।” — नीलोत्पल मृणाल

इस उपन्यास को 2015 का ‘साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार’ भी मिला है। ‘अच्छा साहित्य अपने आप में कितना समृद्ध होता है और उसे चमकने के लिए किसी भी तथाकथित मॉडर्न हथकंडों की जरूरत नहीं होती’… इस बात को समझने के लिए यह उपन्यास एक अच्छा उदाहरण है। साथ ही कई लोगों के मन में नई हिन्दी के लेखन की जो परिभाषा बनी हुई है उसमे भी ये उपन्यास खरा उतरता है। मेरे नजरिए मे हर युवा को ये जरूर पढ़ना चाहिये।

You Might Also Like

यदि कविता न होती?

ट्रंप बंद करेंगे Department of Education…इससे क्या बदलाव होंगे?

गेर में जमकर उमड़ा इंदौरियों का उल्लास

वो पुराने दिन : विद्रोह से जलता तिब्बत और भारत-चीन का संघर्ष

International Day of Happiness में जानिये की ख़ुशी जीवन का सार है या मात्र एक छलावा?

TAGGED: book review, book writer, books, dark horse, delhi, IAS exam, looser, Nilotpal Mrinal, Sahitya Akademi Youth Award, thefourth, thefourthindia, UPSC
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0

Follow US

Find US on Social Medias

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading

Popular News

Marriage Mp.com L -
India

इलाहाबाद HC: पसंद से शादी करना गलत नहीं, मूल अधिकार का हिस्सा !

1 वर्ष पहले

भारत ने जीता Champions Trophy का खिताब

ट्रम्प को जल्द हो सकती है जेल

100 साल बाद होली पर लगने जा रहा है चंद्रग्रहण जानिए क्या है शुभ मुहूर्त होलिका दहन !

Indore: जल संकट के लिए शहर में शुरू हुआ “वंदे जलम अभियान”

You Might Also Like

WhatsApp Image 2025 03 18 at 3.34.50 PM -
Fourth Special

होली के बाद अब रंगपंचमी पर होगी रंगों की बौछार

7 महीना पहले
WhatsApp Image 2025 03 18 at 4.02.02 PM -
India

औरंगज़ेब विवाद ने भड़का दी नागपुर में हिंसा!

8 महीना पहले
rowlatt act cultural india 3 -
Fourth Special

वही दिन, वही दस्तां : आज लगा था बेड़ियों में बांधने वाला Rowlatt Act जिसने भड़काई क्रांति की चिंगारी !

8 महीना पहले
WhatsApp Image 2025 03 18 at 3.06.18 PM -
World

गाज़ा में इज़राइली हवाई हमलों से भारी तबाही, 330 से अधिक मौतें

8 महीना पहले
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Lifestyle
  • Science
  • Sports

Subscribe to our newsletter

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading
© The Fourth 2024. All Rights Reserved. By PixelDot Studios
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?