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Reading: गिनीज बुक के 68 साल का सफर पूरा हुआ
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World

गिनीज बुक के 68 साल का सफर पूरा हुआ

27 अगस्त को ये संस्थान 68 का हो गया।

Last updated: अगस्त 28, 2023 3:39 अपराह्न
By Anushka 2 वर्ष पहले
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4 Min Read
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गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, जिसे अब गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के नाम से जाना जाता है, की शुरुआत 27 अगस्त, 1955 को हुई थी। यह प्रतिष्ठित संदर्भ पुस्तक दुनिया भर से उल्लेखनीय उपलब्धियों और उपलब्धियों को सूचीबद्ध करने के लिए प्रसिद्ध है, जो अपने संग्रह के साथ पाठकों की कल्पना को आकर्षित करती है। रिकॉर्ड बहुत मायने रखते हैं। यही वजह है कि दुनिया का हर इंसान जिस मामले में माहिर होता उस में वह ऐसा रिकॉर्ड बनाना चाहता है जिससे उससे पहले किसी ने ना बनाया हो। ये सब तभी संभव है जब कोई इन रिकॉर्ड्स को दर्ज करे वर्ना आम लोगों को इतना सब भला कैसे याद रहता किसी को इसके लिए पूरी दुनिया गिनीज बुक संस्थान की हमेशा आभारी रहेगी।

27 अगस्त को हुआ था गिनीज बुक का जन्म

27 अगस्त को ये संस्थान 68 का हो गया। इतने सालों में ये भरोसे का प्रतीक बन चुका है। इस प्रतिष्ठित संस्थान के खाते में अनेक रिकॉर्ड्स हैं। लोग गर्व से नाम लेते हैं। इसकी शुरुआत 27 अगस्त 1955 को हुई जब ये पहली बार पब्लिश होकर बाजार में आई थी। इसकी शुरुआत सर ह्यू बीवर ने दो जुड़वा भाइयों नारिस और रास के साथ मिलकर की थी। भले ही ये दुनिया के सामने 1955 में आई हो लेकिन इसका आइडिया 1950 में आयरलैंड के काउंटी वेक्सफोर्ड में स्लेनी नदी के किनारे आया था।

एक बहस से हुई थी इस रिकॉर्ड बुक की शुरुआत

सर ह्यू यहां एक शूटिंग पार्टी में गए थे। इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें ऐसी रिकॉर्ड बुक बनाने का आइडिया आया जो दुनिया के हर छोटे बड़े रिकॉर्ड को दर्ज कर ले। हुआ कुछ ऐसा था कि शूटिंग पार्टी के दौरान वह बेहद खूबसूरत पक्षी गोल्डन प्लॉवर पर एक शॉट चूक गए। जिसके बाद वे दोस्तों के साथ इस बहस में पड़ गए कि यूरोप में सबसे तेज गेम बर्ड कौन है? उन्हें यह पता चल चुका था कि इसे पुख्ता करने का कोई तरीका भी उपलब्ध नहीं है। और यह भी कि इस तरह के सवाल दुनिया के अनेक लोगों के मन में आते होंगे। उन्हें परेशान करते होंगे, और अभी तक इसके समाधान का कोई तरीका नहीं मिल पाया।

इसी बहस के बाद से गिनीज बुक का शानदार सफर शुरू हुआ। इसके बाद साल दर साल इसमें अनेकों बदलाव किये गए जो आज भी जारी हैं। लंदन में दो कमरों से शुरू हुई यह यात्रा आज शानदार मुकाम पर है। इसकी कहानी रोचक और प्रेरक है। तथ्यों से भी भरपूर है। गिनीज बुक की वेबसाइट के अनुसार, इस संस्थान ने अपने 68 वर्ष की यात्रा में बहुत से रिकॉर्ड जमा कर लिए हैं। इसका मुख्यालय ब्रिटेन में है। वहीं न्यूयार्क, बीजिंग, टोक्यो एवं दुबई में भी इसके दफ्तर मौजूद हैं। गिनीज बुक अब 40 अधिक भाषाओं में उपलब्ध है।

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TAGGED: achievements, Guinness Book of Records, guinness book of world records, Hugh Beaver, Ireland, Naris and Ras, Records, Slaney River
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