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Reading: चुनाव के बाद मणिपुर के जिरिबाम जिले में भड़की हिंसा
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India

चुनाव के बाद मणिपुर के जिरिबाम जिले में भड़की हिंसा

जिरिबाम में मैतेई समाज के एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई है।

Last updated: जून 8, 2024 6:34 अपराह्न
By Anushka 1 वर्ष पहले
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5 Min Read
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लोकसभा चुनाव समाप्त होते ही एक बार फिर से मणिपुर में हिंसा की खबरे सुनने को मिलने लगी। बीते साल मणिपुर में हुई हिंसा पूरे देश में खूब चर्चा पर थी, तो वहीं 4 जून को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद गुरुवार को मणिपुर के जिरिबाम में मैतेई समाज के एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई इस वजह से फिर से हिंसा भड़क उठी। हिंसा को देखते हुए जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है और मैतेई समाज के लोग अपने घरों को छोड़कर स्कूलों में शरण लेने को मजबूर हैं। मैतेई समुदाय के बुजुर्ग की हत्या का शक कुकी उग्रवादियों के ऊपर है।

कुकी उग्रवादियों पर बुजुर्ग की हत्या का आरोप

मणिपुर अभी भी अशांत है। कथित तौर पर कुकी उग्रवादियों ने गुरुवार को जिरिबाम जिले के सोरोक अटिंग्बी खुनौ के सोइबाम शरतकुमार की हत्या कर दी थी। पिछले एक साल से ज्यादा समय से जारी हिंसा से जिरिबाम जिला कमोबेश ही बचा था। लेकिन इस घटना ने इस जिले में भी आक्रोश फैला दिया है। आगजनी और सांप्रदायिक संघर्ष की आशंका पैदा होने के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है।

मणिपुर हिंसा का मास्टर माइंड गिरफ्तार

NIA ने कहा है कि, मणिपुर हिंसा का प्रमुख कुकी नेशनल फ्रंट-मिलिट्री काउंसिल के सदस्य थांगबोई हाओकिप उर्फ रोजर को 6 जून इंफाल एयरपोर्ट से पकड़ा गया है। NIA ने उसके खिलाफ पिछले साल 18 जुलाई को भारतीय दंड विधान के तहत केस दर्ज कर रखा था।

कुकी और जोमी उग्रवादी संगठनों ने म्यांमार और पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय अन्य आतंकी संगठनों के साथ साठगांठ कर क्षेत्र में अशांति फैलाने और भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की नीयत से यह साजिश की थी।

राज्य में कई जगहों पर सुरक्षा बलों पर हुए हमलों में भी खास भूमिका रही है। वह म्यांमार के आतंकी संगठन कुकी नेशनल फ्रंट के संपर्क में रहा है। दूसरी तरफ, मणिपुर में 13 महीने से जारी हिंसा के कथित मास्टरमाइंड का खुलासा NIA ने किया है।

स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन

जिरिबाम में संदिग्ध उग्रवादियों ने 59 वर्षीय सोइबम सरत कुमार सिंह की हत्या कर दी जो मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। हत्या के बाद स्थानीय लोग सड़क पर उतरकर आ गए और विरोध प्रदर्शन कर आगजनी करने लगे। इस दौरान स्थानीय लोगों ने चुनाव के दौरान जमा कराए गए अपने हथियार देने की मांग करने लगे। इस पूरे मामले पर जिला मजिस्ट्रेट ने एसपी को घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और सुरक्षाबलों को तैनात करने का निर्देश दिया है। इस पूरे मामले पर पुलिस अधिकारी ने बताया कि, सोइबाम सरत कुमार सिंह नामक शख्स सुबह अपने खेत जाने के बाद से लापता था बाद में उसका शव मिला जिसके ऊपर नुकीली चीज से घाव होने के निशाने थे।

हमलावरों ने मैतेई समुदाय के घरों में लगाई आग

हथियारों के साथ कुकी समुदाय के हमलावरों द्वारा मैतेई के गांव में घरों को आग लगाते हुए देखा गया है। 18वीं लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू होने के बाद सभी हथियारों को ज़ब्त कर लिया गया, यहां तक जो लाइसेंसी हथियार थे उनको भी जब्त कर लिया गया था। चुनाव खत्म होने के बाद स्थानीय लोगों ने जिरिबाम पुलिस थाने पर धावा बोल दिया था। जिससे तनावपूर्ण हो गई थी।

मणिपुर में 67 हजार लोग विस्थापित हुए

जिनेवा के इंटरनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर (IDMC) ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि, साल 2023 में साउथ एशिया में 69 हजार लोग विस्थापित हुए। इनमें से 97 फीसदी यानी 67 हजार लोग मणिपुर हिंसा के कारण विस्थापित हुए थे। रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि, भारत में साल 2018 के बाद हिंसा के कारण पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विस्थापन देखने को मिला।

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TAGGED: election, Jiribam, manipur, manipur violence, thefourth, thefourthindia, violence
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