वही दिन, वही दास्तां : भारत का पहला अख़बार प्रकाशित हुआ, तब से अब तक कितना बदल गया मीडिया?
29 जनवरी 1780, यह वह ऐतिहासिक दिन था जब भारत में पहली बार एक अख़बार प्रकाशित हुआ। नाम था 'हिकीज़…
वहीं दिन, वही दास्तां : राजीव गांधी हत्याकांड के आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई, फिर गांधी परिवार ने किया माफ़!
राजीव गांधी, 1984 से 1989 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे, 1991 के आम चुनाव के प्रचार के लिए वे…
26 जनवरी: एक दिन, जो भारत की पहचान बन गया
26 जनवरी हर भारतीय के लिए सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि गौरव, स्वाभिमान और देशभक्ति का प्रतीक है। इस दिन…
अहिल्याबाई होळकर – एक असाधारण जीवन की गाथा
जब भी भारतवर्ष की सबसे महान स्त्रियों का उल्लेख हो, और उनमें अहिल्याबाई होळकर का उल्लेख ना हो ऐसा हो…
वही दिन, वही दास्तां : कर्पूरी ठाकुर का जन्म…उनके मुख्यमंत्री चुने जाने वाले दिन पिता को जमींदार ने पीटा था!
भारतीय राजनीति आज दलित और पिछड़ों के इर्द-गिर्द घूमती है। लेकिन एक ऐसा समय भी था, जब राजनीति पर उच्च…
वही दिन, वही दास्तां : नेताजी का जन्म…पत्रों से सामने आता है उनका अनछुआ व्यक्तित्व!
इतिहास में कुछ ऐसे किरदार होते हैं जिनकी गहराई को मापना आसान नहीं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ऐसे ही एक…
रास बिहारी बोस – एक गुमनाम योद्धा
यूं तो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अनगिनत नायक-नायिकाओं ने बहुमूल्य योगदान दिया एवं इस समर कुंड में अपने प्राणों की…
समाज की परंपरागत बेड़ियों को तोड़ते हुए साहस की नई कहानी गढ़ रहा है ‘सांगवान परिवार’!
"मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती…
एक पुलिस अधिकारी ऐसा भी…. कविता शायरी गजल के दम पर बनाई पहचान!
बदन पर वर्दी है… लेकिन जुबां पर कविता, शायरी और मीठी-मीठी बातें हैं। 25 साल से पुलिस की नौकरी में…
