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Fourth Special

अयोध्या : पुजारी और प्रधानमंत्री ही जा सकेंगे गर्भग्रह में !

इस समय भी देश के बड़े-बड़े मंदिरों में भक्तों को गर्भगृह तक जाने की अनुमति नहीं होती।

Last updated: दिसम्बर 11, 2023 6:44 अपराह्न
By Parikshit 2 वर्ष पहले
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4 Min Read
Ayodhya: Prime Minister Narendra Modi addresses at the foundation stone laying ceremony of ‘Shri Ram Janmabhoomi Mandir', in Ayodhya, Wednesday, Aug. 5, 2020. (PIB/PTI Photo)(PTI05-08-2020_000201B)
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अयोध्या। रामलला का भव्य मंदिर आकार ले चुका है। पहले चरण का कार्य लगभग पूरा करा लिया गया है। 22 जनवरी 2024 को मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा से पहले तैयारियों को आखिरी रूप दिया जा रहा है। मंदिर के उद्घाटन के बाद भी राम भक्तों को भगवान राम की प्रतिमा को छूने का अवसर नहीं मिल पाएगा। भक्तों को गर्भगृह में भी जाने की अनुमति नहीं होगी। लोग लगभग 35 फीट की दूरी से भगवान के दर्शन करेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों के अनुसार, यह व्यवस्था गर्भगृह की पवित्रता को बनाए रखने के लिए की गई है। साथ ही हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार मंदिर के गर्भगृह में केवल राजा और मंदिर के पुजारी को ही जाने का अधिकार होता है। इस पारंपरिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए गर्भगृह में केवल प्रधानमंत्री और पुजारी को ही प्रवेश मिलना तय किया गया है। इस समय भी देश के बड़े-बड़े मंदिरों में भक्तों को गर्भगृह तक जाने की अनुमति नहीं होती।

बड़े मंदिरों में भी यही नियम

तिरुपति बालाजी और भगवान जगन्नाथ के मंदिर में भी इसी तरह की व्यवस्था है। लेकिन भगवान शिव के मंदिर इस मामले में अपवाद होते हैं। इसका बड़ा कारण है कि भगवान शिव की पूजा में रुद्राभिषेक का बहुत अधिक महत्त्व है, जिसमें भक्त शिवलिंग को छूकर ही पूजा संपन्न करते हैं। ऐसे में बिना गर्भगृह में गए रुद्राभिषेक संभव नहीं है। लेकिन अन्य मंदिरों में गर्भगृह के बाहर दूर से ही देवी-देवताओं के दर्शन-पूजा की परंपरा है। प्रतिमा को ऊंचे स्थान पर रखा जाएगा जिससे दूर से भी लोगों को भगवान राम के बेहतर दर्शन हो सकें। मंदिर इतना भव्य होगा कि यह कई किलोमीटर दूर से भी स्पष्ट नजर आएगा। भव्य राम मंदिर के करीब 3 दशक पुराने विश्व हिन्दू परिषद के नक्शे में बदलाव कर इसकी ऊंचाई बढ़ाते हुए एक और मंजिल जोड़ी जा सकती है। एक मंडप और एक अतिरिक्त मंजिल के साथ 35 फुट ऊंचे शिखर का विस्तार करने पर मंथन हो रहा है। इसके अलावा अब राम मंदिर में तीन के बजाय पांच गुंबद होंगे।

मंदिर में ये भी है खास

विश्व हिंदू परिषद के वर्तमान राम मंदिर मॉडल की ऊंचाई 141 फुट से बढ़ाकर 161 फुट की जाएगी। मंदिर में जाने के लिए 5 दरवाजे (सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे। इस मंदिर की लंबाई लगभग 270 मीटर, चौड़ाई 140 मीटर होगी। हर मंजिल पर लगभग 106 खम्भे होंगे। पहली मंजिल पर खम्भे की लम्बाई लगभग 16.5 फुट और दूसरी मंजिल पर 14.5 फुट प्रस्तावित है। प्रत्येक मंजिल 185 बीम पर टिकी होगी।मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मंदिर में संगमरमर का फ्रेम और लकड़ी के दरवाजे होंगे। इसमें पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की जरूरत बताई गई थी। मंदिर के फर्श में संगमरमर लगाया जाएगा। यह मंदिर लगभग 221 पिलर पर खड़ा होगा। इसमें आवागमन के लिए मुख्य पांच द्वारों के अलाव कुल 24 द्वार बनाए जाएंगे। मंदिर के प्रत्येक खंभे पर 12 मूर्तियां उकेरी गई हैं। यह मूर्तियां देवी-देविताओं की हैं।यह नागर शैली में बना अष्टकोणीय मंदिर होगा। इसमें भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा। मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे। यह अक्षरधाम मंदिर की शैली में बनेगा। मंदिर परिसर में संत निवास, शोध केंद्र, कर्मचारियों के आवास, भोजनालय इत्यादि होंगे।

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TAGGED: Ayodhya, bjp, india, modi, Ram Mandir, thefourth, thefourthindia
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