By using this site, you agree to the Privacy Policy
Accept
October 29, 2025
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Reading: अभिव्यक्ति की आजादी महज़ एक दिखावा?
Font ResizerAa
Search
  • World
  • India
  • Politics
  • Sports
  • Business
  • Tech
  • Fourth Special
  • Lifestyle
  • Health
  • More
    • Travel
    • Education
    • Science
    • Religion
    • Books
    • Entertainment
    • Food
    • Music
Follow US
India

अभिव्यक्ति की आजादी महज़ एक दिखावा?

Last updated: जुलाई 24, 2023 1:44 अपराह्न
By Saloni 2 वर्ष पहले
Share
5 Min Read
SHARE

“भारत मे प्रजातंत्र है। हर व्यक्ति को अपने विचारों को व्यक्त करने की खुली आजादी है। कोई भी व्यक्ति, चाहे वो किसी भी धर्म, संप्रदाय या स्थान से तालुक रखता हो, उसे पूरा हक है कि वो अपनी आवाज किसी के समर्थन या विरोध मे पूरी बुलंदी के साथ उठा सकता है। खुले विचारों का भारत मे खुली बाहों से स्वागत किया जाता है।” ये सारी बातें सुनने मे या पढ़ने मे बहुत ही खूबसूरत या गौरवान्वित करने वाली मालूम होती है, जिन्हे सुनकर किसी भी देशवासी की छाती चौड़ी हो जाए। हमारे संविधान ने भी “अभिव्यक्ति की आजादी” को एक खास अहमियत दी है। आर्टिकल 19(1)(A) के अनुसार किसी भी देशवासी को अपने विचार किसी भी माध्यम से व्यक्त करने की पूरी-पूरी छूट है। भाषण, लेखन, चित्र, फ़िल्म, बैनर इत्यादि माध्यम हैं जिनके जरिए वो ऐसा कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2004 मे हमारे राष्ट्रध्वज यानि तिरंगे को लहराना भी इस लिस्ट मे शामिल किया। सूचना का अधिकार भी है जिसके कारण हम विभिन्न स्त्रोतों द्वारा विभिन्न जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही संवाद और विज्ञापन करने की आजादी भी है। इन सब के आधार पर हम ये कह सकते हैं की देश की जनता को वो सारे अधिकार दिए गए हैं जिनके कारण वो देश के शक्ति मंच पर सबसे ऊंचे स्थान पर आ जाती है। भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र यू ही नहीं कहा जाता।

मगर क्या ये सारी चीजें वाकई अमल मे हैं?


क्या वाकई जनता का वही दर्जा है जो हमारे संविधान मे लिखा है? या ये सब सिर्फ एक छलावा है, एक लीपा पोती है। आइए जरा इस तरफ भी गौर करके देखते हैं। आए दिन हमारे देश मे लिन्चिंग या मॉब किलिंग जैसी घटनाएं सुनने को मिलती हैं, जिन मामलों मे अक्सर कुछ कहने या किसी संवेदनशील विषय पर अपने विचार व्यक्त करने पर आक्रोश ही इसकी वजह रहती है। फिल्मों के सेंसर हो जाने के अनगिनत उदाहरण मौजूद हैं, उड़ता पंजाब तो आपको याद ही होगी। चाहे फिल्मों का बॉयकाट हो या डायरेक्टरों से हाथापाई, कहीं भी हम पीछे नहीं हैं। और बात सिर्फ हाथापाई पर ही नहीं रुकती, रेड, पथराव, कालिख, अपहरण, रेप थ्रेट, और जैसा हमने पहले भी कहा, लिन्चिंग तक भी मामला पहुँच जाता है। और इन सब पर कानून व्यवस्था की पकड़ कितनी मजबूत है, इसका अंदाजा आप सिर्फ इस बात से ही लगा सकते है बीते वर्ष लिन्चिंग और मॉब किलिंग के केसेस मे से 75% केसेस मे वजह का ही पता नहीं चल पाया है। आँकड़े डराने वाले तो हैं ही, साथ ही सोच मे डालने वाले भी हैं। फ्री प्रेस की तो क्या ही बात की जाए। 2022 मे भारत यूं भी फ्री प्रेस इंडेक्स की रैंकिंग मे 150/180 रैंक पर था। मीडिया की नाक मे तो नेता से लेकर जनता, हर किसी को नकेल कसने की आदत है। आलम ये हो चला की जहां पत्रकारिता का मूलमंत्र होना चाहिए था सच को सामने लाना, वही मीडिया आज सच को छुपाने पर अमादा रहती है। मशहूर हॉलिवुड अभिनेता डेंजेल वाशिंगटन कहते हैं “अगर आप समाचार नहीं पढ़ते हैं, तो आप अनइन्फोर्म्ड हैं। अगर आप समाचार पढ़ते हैं, तो आप मिसइन्फोर्म्ड हैं।” ये अपने आप मे एक शर्मसार कर देने वाली टिप्पणी है।

तो सोचने वाली बात यह है कि क्या हमारे देश की प्रजातान्त्रिक बुनियाद मे “अभिव्यक्ति की आजादी” की मजबूती है भी, या हम यूही हर तरफ इसका बखान करते रहते हैं। सच्चाई तो यह है कि हम स्वयं भी इन चीजों मे शामिल हैं, क्यूंकि हम इन सब मामलों का उतना विरोध नहीं करते जितना हम चीन और पाकिस्तान जैसी विदेशी ताकतों का करते हैं। जब भी हमे व्यक्तिगत तौर पर कोई बात बुरी लगती है, तब हम अपने सुविधानुसार बड़े ही आराम से अभिव्यक्ति की आजादी को खिड़की के बाहर फेक देते हैं। अमेरिकी कॉमेडियन रिकी गेरविस ये कहते हैं की “हर कोई अभिव्यक्ति की आजादी चाहता है, जब तक कि वे कुछ ऐसा न सुन लें जो वे सुनना नहीं चाहते।”

इन सारी बातों का एक ही सार है की हमें इसके विषय मे सिर्फ बातों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उसे अमल मे भी लाना चाहिए। और इसकी बहुत अधिक आवश्यकता है वरना बहुत जल्द हमारे हालात भी सोमालिया या सीरिया जैसे हो जाएंगे।

You Might Also Like

होली के बाद अब रंगपंचमी पर होगी रंगों की बौछार

औरंगज़ेब विवाद ने भड़का दी नागपुर में हिंसा!

नरेंद्र मोदी और Lex Fridman: कई पहलुओं पर हुई बात

जादू की छड़ी या धोखाधड़ी? सोशल मीडिया पर ‘चमत्कारी पादरी’ रच रहे धर्मांतरण का खेल!

स्वर्ण मंदिर में फिर हिंसा, सुरक्षा पर उठते सवाल!

TAGGED: china, freedom, freedomofexpression, hollywoodactress, india, pakistan, somalia, syria, washington
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0

Follow US

Find US on Social Medias

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading

Popular News

1466776 rape -
India

International Women’s Day पर फिर इंसानियत शर्मसार!

8 महीना पहले

जम्मू-कश्मीर में एक और आतंकी साजिश हुई नाकाम !

इंदौर से अहमदाबाद जा रही बस का एक्सीडेंट, 4 लोगो की मौत

Wankhede Stadium में Sachin की मूर्ति का उड़ रहा ‘मजाक’, “Sachin हैं या Steve Smith”

फुटबॉल के जश्न में मणिपुर का झंडा पहना, बवाल

You Might Also Like

WhatsApp Image 2025 03 15 at 4.14.25 PM -
India

₹ के चिन्ह में बदलाव चिंता की बात…कल को राज्य भाषा के नाम पर राष्ट्र ध्वज, राष्ट्र गान देश का नाम भी बदलने की मांग कर सकते हैं!

8 महीना पहले
WhatsApp Image 2025 03 18 at 12.10.43 PM -
India

वडोदरा सड़क हादसा: तेज रफ्तार कार ने छीन ली एक जान, कई घायल

8 महीना पहले
WhatsApp Image 2025 03 13 at 4.02.28 PM -
India

होली 2025: रंगों से भरी खुशियों की बहार

8 महीना पहले
WhatsApp Image 2025 03 13 at 3.12.28 PM -
World

बलूचिस्तान होने का दर्द केवल बलूच ही जाने!

8 महीना पहले
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
  • Entertainment
  • Fashion
  • Health
  • Lifestyle
  • Science
  • Sports

Subscribe to our newsletter

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Loading
© The Fourth 2024. All Rights Reserved. By PixelDot Studios
  • About Us
  • Contact
  • Privacy Policy
  • Careers
Welcome Back!

Sign in to your account

Register Lost your password?